A Chess-Inspired Interview एक साक्षात्कार की प्रेरक कहानी

एक गर्मी की दोपहर, मुंबई के एक व्यस्त कॉर्पोरेट टावर में, राजेश नाम के एक सीईओ ने अपने कार्यालय में एक महत्वपूर्ण साक्षात्कार के लिए तैयारी की। उसने अपनी टाई को ठीक किया और अपने सामने रखे रेज्यूमे को एक बार फिर से देखा। दरवाजे पर दस्तक हुई और एक युवा महिला, जिसका नाम अनुष्का था, कमरे में प्रवेश की।

राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “नमस्ते अनुष्का, कृपया बैठिए।” अनुष्का ने धन्यवाद कहा और आत्मविश्वास से कुर्सी पर बैठ गई। राजेश ने पूछा, “तो, आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद करती हैं?”

अनुष्का ने बिना हिचकिचाहट के जवाब दिया, “कम से कम 1,20,000 रुपये प्रति माह।” राजेश ने उसकी ओर ध्यान से देखा, थोड़ा चौंका, लेकिन फिर मुस्कुराया।

“आपको किसी खेल में दिलचस्पी है?” राजेश ने अचानक विषय बदलते हुए पूछा।

अनुष्का ने मुस्कुराते हुए कहा, “जी हाँ, मुझे शतरंज खेलना बहुत पसंद है।”

राजेश की आँखें चमक उठीं। “वाह! शतरंज एक बेहद रोचक खेल है। चलिए, इस बारे में बात करते हैं। आपको शतरंज का कौन सा मोहरा सबसे ज्यादा पसंद है?”

अनुष्का ने थोड़ा सोचते हुए कहा, “मुझे वज़ीर सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।”

राजेश ने उत्सुकता से पूछा, “क्यों? मुझे तो लगता है कि घोड़े की चाल सबसे अनोखी होती है।”

अनुष्का ने गंभीरता से जवाब दिया, “आप सही कह रहे हैं, घोड़े की चाल वाकई में दिलचस्प है। लेकिन वज़ीर में वो सभी गुण होते हैं जो बाकी मोहरों में अलग-अलग रूप से पाए जाते हैं। वह कभी प्यादे की तरह एक कदम बढ़ाकर राजा को बचाता है, तो कभी हाथी की तरह तिरछा चलकर दुश्मन को हैरान करता है, और कभी ऊँट की तरह लंबी दूरी तय करके मैदान पर छा जाता है।”

राजेश अनुष्का की समझ से प्रभावित हुआ। “बहुत दिलचस्प विश्लेषण! लेकिन राजा के बारे में आपकी क्या राय है?”

अनुष्का ने तुरंत जवाब दिया, “सर, मैं राजा को शतरंज के खेल में सबसे कमजोर मानती हूँ। वह खुद को बचाने के लिए केवल एक ही कदम उठा सकता है, जबकि वज़ीर उसकी हर दिशा से रक्षा कर सकता है।”

राजेश अनुष्का के जवाब से और भी प्रभावित हुआ। “शानदार! अब ये बताइए कि आप खुद को इनमें से किस मोहरे की तरह मानती हैं?”

अनुष्का ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया, “राजा।”

राजेश थोड़ी हैरानी में पड़ गया। “लेकिन आपने तो राजा को कमजोर और सीमित बताया है, जो हमेशा वज़ीर की मदद का इंतजार करता है। फिर आप क्यों खुद को राजा मानती हैं?”

अनुष्का की आँखों में एक अजीब सी चमक आई। उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा, “जी हाँ, मैं राजा हूँ और मेरा वज़ीर मेरा पति था। वह हमेशा मेरी रक्षा मुझसे बढ़कर करता था, हर मुश्किल में मेरा साथ देता था, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है।”

कमरे में एक गहरी खामोशी छा गई। राजेश को यह सुनकर थोड़ा धक्का लगा, और उसने गंभीरता से पूछा, “तो आप यह नौकरी क्यों करना चाहती हैं?”

अनुष्का की आवाज भर्राई, उसकी आँखें नम हो गईं। उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, “क्योंकि मेरा वज़ीर अब इस दुनिया में नहीं रहा। अब मुझे खुद वज़ीर बनकर अपने बच्चों और अपने जीवन की जिम्मेदारी उठानी है।”

राजेश कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गया। फिर उसने धीरे से कहा, “अनुष्का, आपकी कहानी बेहद प्रेरणादायक है। आप एक सशक्त महिला हैं। आपकी हिम्मत और दृढ़ संकल्प सराहनीय है।”

अनुष्का ने अपनी आँखें पोंछते हुए कहा, “धन्यवाद, सर। मेरे पति ने मुझे सिखाया था कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अब मैं उनके सपनों को पूरा करना चाहती हूँ।”

राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “आपकी यह सोच बहुत सराहनीय है। मुझे लगता है कि आप इस नौकरी के लिए एकदम सही हैं। आपकी जो तनख्वाह की मांग है, वह मंजूर है। लेकिन मैं चाहता हूँ कि आप अपने बच्चों के साथ भी समय बिता सकें। इसलिए हम आपको फ्लेक्सिबल टाइमिंग्स और कुछ दिन वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी देंगे।”

अनुष्का की आँखों में खुशी के आंसू आ गए। “धन्यवाद, सर। आप नहीं जानते कि यह मेरे लिए कितना मायने रखता है।”

राजेश ने खड़े होकर अनुष्का का हाथ मिलाया। “स्वागत है हमारी टीम में, अनुष्का। मुझे विश्वास है कि आप यहाँ बहुत अच्छा करेंगी।”

जैसे-जैसे अनुष्का कमरे से बाहर निकली, राजेश ने सोचा कि आज उसने सिर्फ एक कर्मचारी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा को भी अपनी कंपनी में शामिल किया है। यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण है जो जीवन में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना कर सकती हैं। यह सिखाती है कि बेटियों को अच्छी शिक्षा और परवरिश देना बेहद जरूरी है, ताकि अगर कभी उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े, तो वे खुद वज़ीर बनकर अपने और अपने परिवार के लिए एक मजबूत ढाल बन सकें।

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