शहनाई की गूंज और मयूरी का मौन विद्रोह
दिन ढल रहा था। सामने वाले घर से शहनाई की मधुर धुन मयूरी के कानों में गूंज रही थी। कल जहाँ रौनक और चहल-पहल थी, आज वहाँ बेटी की विदाई की तैयारी थी। बालकनी में खड़ी मयूरी उस शादी की रौनक को देख रही थी, पर उसका मन खिन्न था। शहनाई की धुन उसे दो…