Intergenerational conflicts in Indian families

Love Beyond Time कालातीत प्रेम

Love Beyond Time कालातीत प्रेम

राजेश अपने घर ‘प्रीति निवास’ की दूसरी मंजिल के एक छोटे से कोने में बैठा था। यह कमरा, जो कभी एक भंडार गृह था, अब उसका निवास बन गया था। यहाँ प्रीति कभी अचार के मर्तबान, बांस की टोकरियाँ, और पुरानी चटाइयाँ रखा करती थी। राजेश ने याद किया वह समय जब उन्होंने बड़े सपने…